The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
Shodashi is deeply linked to the path of Tantra, exactly where she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she is celebrated since the embodiment of Sri Vidya, the sacred expertise that contributes to enlightenment.
On strolling to her historical sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electric power will increase in intensity. Her templed is entered by descending down a darkish slender staircase that has a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are several uneven and irregular measures. The subterranean vault is sizzling and humid and however You will find there's feeling of security and and security from the dim light.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
Ignoring all caution, she went on the ceremony and found her father had commenced the ceremony devoid of her.
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता click here है।